प्रेमानंद जी महाराज द्वारा बताये गए श्री राधा रानी के 28 नाम, जिनके जाप से श्रीजी हर लेती है सारे दुःख

Shree Radha Rani ke 28 naam

Shree Radha Rani ke 28 naam

Shree Radha Rani ke 28 naam: आज हम आपको प्रेमानंद जी महाराज द्वारा बताये गए श्री राधा रानी के उन 28 नामो को बताने जा रहे है, जिनका रोजाना जाप करने से आपकी हर एक मनोकामना पूर्ण हो जाएगी|

राधा रानी के नाम का जाप करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा भी प्राप्त होती है। राधा और कृष्ण की जोड़ी अखंड है, और राधा के नाम का जाप करने से श्रीकृष्ण भी प्रसन्न होते हैं। राधा रानी के नाम का नियमित जाप करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं। यह जाप व्यक्ति के जीवन को पवित्र और शुद्ध बनाता है, जिससे वह ईश्वर के निकट आता है। राधा रानी के नाम का जाप न केवल आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम है, बल्कि यह व्यक्ति के जीवन को सुखमय और समृद्ध बनाता है। नियमित रूप से राधा रानी के नाम का जाप करने से भक्त को मानसिक शांति, प्रेम, भक्ति, और ईश्वर की कृपा की प्राप्ति होती है।

  • Shree Radha Rani ke 28 naam:

प्रेमानंद जी महाराज द्वारा बताये गए श्री राधा रानी के 28 नाम: Shree Radha Rani ke 28 naam:

1. राधा  2. रासेश्वरी   3. रम्या   4. कृष्णमत्राधिदेवता   5. सर्वाद्या   6. सर्ववन्द्या   7. वृन्दावनविहारिणी  8. वृन्दाराधा  9. रमा  10. अशेषगोपीमण्डलपूजिता  11. सत्या  12. सत्यपरा  13. सत्यभामा  14.श्रीकृष्णवल्लभा  15. वृषभानुसुता  16. गोपी  17. मूल प्रकृति  18. ईश्वरी  19. गान्धर्वा   20. राधिका  21. रम्या  22. रुक्मिणी  23. परमेश्वरी  24. परात्परतरा 25. पूर्णा 26. पूर्णचन्द्रविमानना  27. भुक्ति- मुक्तिप्रदा   28. भवव्याधि-विनाशिनी

  • Shree Radha Rani ke 28 naam:

श्री राधा रानी के नाम की महिमा:

श्री राधा रानी का नाम और उनकी महिमा का वर्णन हिंदू धर्म के वैष्णव परंपरा में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। राधा रानी को भगवान श्रीकृष्ण की अर्द्धांगिनी, उनकी आत्मा और प्रेम की देवी के रूप में माना जाता है। उनकी महिमा श्रीकृष्ण के साथ उनके दिव्य प्रेम, भक्ति और अलौकिक संबंध के कारण अनंत है।

भक्ति और प्रेम की मूर्ति:

  • राधा रानी को परम भक्ति और प्रेम की देवी के रूप में पूजा जाता है। उनकी भक्ति और प्रेम की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। वे भगवान श्रीकृष्ण की सबसे प्रिय हैं और उनकी प्रेम की प्रतीक हैं।
  • राधा रानी का नाम लेने मात्र से भक्तों का हृदय भक्ति और प्रेम से भर जाता है। उनकी भक्ति इतनी गहरी थी कि उनके नाम के बिना भगवान श्रीकृष्ण का नाम अधूरा माना जाता है – “राधे-कृष्ण” के रूप में दोनों को एक साथ पूजा जाता है।

शक्ति का प्रतीक:

  • राधा रानी को श्रीकृष्ण की आंतरिक शक्ति (ह्लादिनी शक्ति) माना जाता है। वैष्णव धर्म में यह मान्यता है कि राधा रानी भगवान की शक्ति का सर्वोच्च रूप हैं, जो ब्रह्मांड की रचना, पालन और विनाश करती हैं।
  • उनके बिना श्रीकृष्ण के रूप को भी पूर्ण नहीं माना जाता। वे भगवान की योगमाया हैं, जिनके माध्यम से भक्त भगवान तक पहुंचते हैं।

रासलीला की रानी:

  • श्री राधा रानी को रासलीला की रानी कहा जाता है। रासलीला, जो कि श्रीकृष्ण और गोपियों के बीच दिव्य नृत्य का प्रतीक है, उसमें राधा का स्थान सबसे ऊंचा है। उनके बिना रासलीला का कोई महत्व नहीं।
  • यह लीला दिव्य प्रेम और भक्ति का सर्वोच्च रूप है, और इसमें राधा रानी का नेतृत्व स्पष्ट रूप से दिखता है। वे उस लीला की प्रमुख हैं जो आत्मा और परमात्मा के मिलन का प्रतीक है।

नाम में शक्ति:

  • वैष्णव भक्ति परंपरा में कहा गया है कि राधा रानी का नाम जपने मात्र से भक्तों के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और उनके जीवन में भक्ति और आनंद की प्राप्ति होती है। उनके नाम में इतना दिव्य प्रभाव है कि यह भक्त को भगवान श्रीकृष्ण के चरणों तक ले जाता है।
  • कहा जाता है, “राधा नाम की महिमा अनंत है। जो इस नाम का उच्चारण करता है, वह भगवान की असीम कृपा का पात्र बन जाता है।”

दया और करुणा की देवी:

  • राधा रानी को करुणा और दया की देवी माना जाता है। वे अपने भक्तों पर बिना किसी भेदभाव के दया करती हैं और उन्हें भगवान श्रीकृष्ण की शरण में ले जाती हैं। उनकी महिमा यह है कि वे अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती हैं और उन्हें आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ाती हैं।

कृष्ण की अति प्रिय:

  • श्री राधा रानी, श्रीकृष्ण की सबसे प्रिय हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि “जो मुझे राधा के माध्यम से पूजता है, वही मुझे प्राप्त करता है।” वे श्रीकृष्ण की अंतरंग शक्ति हैं और उनके साथ एक अटूट संबंध रखती हैं।

वृंदावन की रानी:

  • राधा रानी को वृंदावन की रानी के रूप में भी जाना जाता है। वृंदावन, जो भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का प्रमुख स्थान है, उसमें राधा रानी का स्थान सर्वोपरि है। भक्तगण उनकी पूजा वृंदावन में प्रमुख रूप से करते हैं और उन्हें ‘वृंदावनेश्वरी’ कहा जाता है।

श्री राधा रानी का नाम लेने के लाभ:

भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्ति:

  • श्री राधा रानी का नाम जपने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा सहज रूप से प्राप्त होती है। श्रीकृष्ण स्वयं कहते हैं कि जो राधा रानी की भक्ति करता है, वह मेरे सबसे प्रिय भक्तों में गिना जाता है।
  • राधा रानी की भक्ति के बिना श्रीकृष्ण की भक्ति अधूरी मानी जाती है। इसलिए राधा नाम का जाप भक्त को सीधे श्रीकृष्ण की ओर ले जाता है।

आध्यात्मिक शुद्धि:

  • राधा रानी का नाम जपने से आत्मा शुद्ध होती है। यह नाम आत्मा को भौतिक संसार की अस्थाई इच्छाओं और आसक्तियों से मुक्त करता है, जिससे भक्त अपने वास्तविक आध्यात्मिक स्वरूप को पहचानता है।
  • उनका नाम व्यक्ति के भीतर की नकारात्मक ऊर्जा, जैसे क्रोध, ईर्ष्या, और अहंकार को समाप्त कर, उसे भक्ति के मार्ग पर अग्रसर करता है।

प्रेम और भक्ति की प्राप्ति:

  • श्री राधा रानी प्रेम की देवी हैं। उनका नाम जपने से व्यक्ति के हृदय में सच्चे प्रेम और भक्ति का संचार होता है। यह प्रेम सिर्फ श्रीकृष्ण के प्रति ही नहीं, बल्कि संसार के सभी जीवों के प्रति करुणा और दया का भाव जाग्रत करता है।
  • भक्त का हृदय प्रेम से भर जाता है, जिससे वह हर परिस्थिति में संतुष्टि और शांति का अनुभव करता है।

मोह-माया से मुक्ति:

  • श्री राधा रानी का नाम व्यक्ति को मोह-माया के बंधनों से मुक्त करता है। यह नाम सांसारिक इच्छाओं और लालसाओं से व्यक्ति को ऊपर उठाकर, उसे भगवान की ओर प्रेरित करता है।
  • राधा नाम के स्मरण से भक्त सांसारिक सुख-दुख से प्रभावित नहीं होता और उसे जीवन में सच्चे आध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति होती है।

सभी कष्टों का नाश:

  • राधा रानी का नाम जपने से जीवन के सभी कष्टों और संकटों का नाश होता है। उनका नाम भक्त के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि लाता है। यह नाम सभी नकारात्मक ऊर्जा और दुखों को दूर कर, भक्त को सकारात्मकता और उत्साह से भर देता है।
  • कठिनाइयों और समस्याओं के समय में राधा रानी का नाम स्मरण करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और साहस मिलता है।

मोक्ष की प्राप्ति:

  • राधा रानी का नाम मोक्ष प्राप्त करने का सबसे सरल और श्रेष्ठ मार्ग है। यह नाम भक्त को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्त कर, उसे श्रीकृष्ण के धाम में पहुंचाता है।
  • वैष्णव परंपरा में मान्यता है कि श्री राधा रानी के नाम का स्मरण करने से भक्त को भगवान श्रीकृष्ण की शरण में स्थान मिलता है, जहाँ उसे अनंत सुख और शांति की प्राप्ति होती है।

सकारात्मक ऊर्जा का संचार:

  • राधा नाम का जाप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। यह व्यक्ति के मन और शरीर को शुद्ध करता है और उसे मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ बनाता है।
  • नाम जपने से मन को शांति मिलती है, जो तनाव, चिंता, और मानसिक विकारों को दूर करने में सहायक होता है।

भगवान की अनुकम्पा:

  • राधा रानी का नाम जपने से भक्त को भगवान की अनुकम्पा प्राप्त होती है। वे करुणा की देवी हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूरा करती हैं। उनका नाम जपने से व्यक्ति के जीवन में हर प्रकार की सुख-समृद्धि और संतोष की प्राप्ति होती है।

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