सेठो के सेठ श्री सांवलिया सेठ .. लोग बनाते हें व्यापार में पार्टनर करोड़ो में होता हें टर्न ओवर..!

सेठो के सेठ श्री सांवलिया सेठ: राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित हें श्री सांवलिया सेठ का विख्यात मन्दिर यहा पर लोग बनाते हें सांवलिया सेठ को अपना पार्टनर अपनी कमाई में से निकालते हें सेठ का हिस्सा |

श्री सांवलिया सेठ मंदिर में दूर दूर से आते हें श्रदालु मेवाड़, मालवा व गुजरात के कोने कोने से आते हें यात्री सच्चे मन से मांगने पे मिलती हें अथाह धन दोलत श्री सांवलिया सेठ की महिमा ही कुछ ऐसी हें सेठो का सेठ अपने दरबार में आने वाले किसी भी भक्त को खाली हाथ नही भेजता जो भी यात्री अपनी श्रदा से सेठ को कुछ भी अर्पण करता हें तो सेठ श्री सांवलिया जी उसको 100 गुना करके देते हें |

आता हें करोड़ो का चढ़ावा….

श्री सांवलिया सेठ के दरबार में हर महीने की अमावस्या को भंडार खोला जाता हें जिसमे करोड़ो रुपये निकलते हें, इसके अलावा सेठ के दरबार में सोना, चाँदी विदेशी मुद्रा भी निकलती हें |

इसके आलावा लोग यहा वाहन भेट करते हें अफ़ीम की खेती करने वाले व तस्करी करने वाले भी बनाते हें व्यापार में पार्टनर |

वर्ष 1840 में, भोलाराम जी गुर्जर के सपने में दिए थे सांवलिया सेठ ने दर्शन खुदाई के दोरान मिली थी तीन मूर्ति बागुंड गाँव के छापर में खोदने पर, भगवान कृष्ण की तीन सुंदर मूर्तिया मिली मूर्तियों में से एक को मंडफिया लेकर आये जिन्हें हम श्री सांवलिया सेठ के नाम से जानते हें |

एक को भादसोड़ा और तीसरा बागुंड गाँव के छापर में मन्दिर बनाके स्थापित किया गया  ये तीनों मंदिर 5 किमी की दूरी के भीतर एक-दूसरे के करीब स्थित हैं।

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