भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन isro द्वारा लगातार तीसरी बार Reusable Launch Vehicle ‘Pushpak’(RLV) सफल परीक्षण किया गया |
“पुष्पक” ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में उन्नत स्वायत्त क्षमताओं का प्रदर्शन करते हुए एक सटीक क्षैतिज लैंडिंग को अंजाम दिया।
आरएलवी एलईएक्स-01, आरएलवी एलईएक्स-02 मिशन क्वे सफल परीक्षण के बाद अब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन isro द्वारा आरएलवी एलईएक्स-03 का परीक्षण भी सफल रहा |
320 किमी की रफ़्तार से पुष्पक रनवे की तरफ उतरा जिसकी रफ़्तार पेराशूट की सहायता से 100 किमी तक की गयी |
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ के दिशा निर्देश में इसका परीक्षण किया गया, इस मिशन में इसरो के कई सेंटर जैसे कि SAC, ISTRAC, SDSC-SHAR ने साथ मिलकर काम किया। इसके साथ ही भारतीय वायु सेना (IAF), एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ADE), एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट (ADRDE), सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थीनेस एंड सर्टिफिकेशन (CEMILAC) के तहत रीजनल सेंटर फॉर मिलिट्री एयरवर्थीनेस (RCMA), नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेटरीज (NAL), इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, कानपुर, भारतीय एयरोस्पेस औद्योगिक भागीदार, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भी अपना योगदान दिया।
उपकरणों का किया गया दुबारा उपयोग….
इस मिशन में इसरो ने कई तरह के सेंसर का इस्तेमाल किया जैसे कि जड़त्वीय सेंसर, रडार अल्टीमीटर, फ्लश एयर डेटा सिस्टम, स्यूडोलाइट सिस्टम और ये सभी उपकरण आरएलवी एलईएक्स-02 में उपयोग किये गये ही थे जिससे अब अन्तरिक्ष मिशन में लागत की समस्या का भी समाधान मिल गया|