पेट की समस्याए और मोटापे के लिए मुख्य योग, जाने पूरी विधि और मिलने वाले लाभ

Exercise For Fit Health

Exercise For Fit Health: यहाँ हम जिन आसनों के बारे में बताने जा रहे है उनमें से ज्यादातर आसन पेट के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी होंगे| पेट के आलावा इन आसनों से दुसरे लाभ भी अवश्य मिलेंगे| पेट के स्वास्थ्य पर हमारा सम्पूर्ण स्वास्थ्य निर्भर करता है| पाचन तंत्र से ही आहार का पाचन होकर रस और रक्त की उत्पत्ति होती है, और फिर उसी रक्त से सम्पूर्ण शरीर का निर्माण होता है| इसी पाचन तंत्र पर ह्रदय का स्वास्थ्य भी निर्भर करता है| इसलिए ये आसन ह्रदय रोगियों के लिए भी उत्तम होंगे|

1 सर्वांगासन

विधि: Exercise For Fit Health

  • पीठ के बल सीधा लेट जाये| पैर मिले हुए, हाथो को दोनों और बगल में सटाकर हथेलिय जमीं की और करके रखे|
  • श्वास अन्दर भरकर पैरो को धीरे-धीरे 30 डिग्री, फिर 60 डिग्री, और फिर 90 डिग्री तक ऊपर उठाये| पैरो को ऊपर उठाते समय हाथो का सहारा ले सकते है| 90 डिग्री पर यदि सीधा न हो तो 120 डिग्री पर पैर ले जाकर एवम हाथो को ऊपर उठाकर कमर के पीछे लगाये| कोहनिया भूमि पर टिकी हुई हो, और पैरो को मिलाकर सीधा रखे| पंजे ऊपर की और तने हुए और आँखे बंद हो|
  • वापस आते समय पैरो को सीधा रखते हुए पीछे की ओर थोडा झुकाए| दोनों हाथो को कमर से हटाकर भूमि पर सीधा कर दे| अब हथेलियों को भूमि से दबाते हुए जिस क्रम से उठे थे, उसी क्रम से धीरे-धीरे पहले पीठ और फिर पैरो को भूमि पर सीधा करे| जितने समय तक सर्वांगासन किया गया हो, लगभग उतने समय तक ही शवासन में विश्राम करे|

लाभ:

  • यह थायरोइड को सक्रीय और स्वास्थ्य बनाता है| इसलिए मोटापा, दुर्बलता, कद-वृधि में कमी और थकान आदि रोग दूर होते है|
  • इस आसन से थायरोइड और पिच्युटरी ग्लैंड के मुख्य रूप से क्रियाशील होने से यह कद-वृधि में विशेष उपयोगी है|

3 उत्तानपादासन: Exercise For Fit Health

विधि:

  • पीठ के बल लेट जाये| हथेलिय भूमि की ओर, पैर सीधे, और पंजे मिले हुए हो|
  • अब श्वास अन्दर भरकर पैरो को करीब 30 डिग्री तक धीरे-धीरे ऊपर उठाए| कुछ समय तक इसी स्तिथि में रहे|
  • वापस आते समय धीरे-धीरे पैरो को निचे भूमि पर टिकाये| कुछ देर विश्राम कर फिर से यही क्रिया करे| इसे 3 से 6 बार दोहराए|

लाभ:

  • यह आसन आंतो को सबल और निरोग बनाता है| तथा कब्ज, गैस, मोटापा आदि को दूर कर जठराग्नि को प्रदीप्त करता है|
  • नाभि का टलना, हृदयरोग, पेटदर्द और श्वासरोग में भी यह आसन उपयोगी है|
  • एक-एक पैर से करने पर विशेषकर कमर दर्द में लाभप्रद है|

4 हलासन : Exercise For Fit Health

विधि:

  • पीठ के बल लेट जाये, अब श्वास अन्दर भरते हुए धीरे-धीरे पैरो को उठाए| पहले 30 डिग्री फिर 60 डिग्री और फिर 90 डिग्री तक उठाने के बाद पैरो को सिर के पीछे की ओर पीठ को भी ऊपर उठाते हुए श्वास बहार निकालते हुए ले जाये|
  • पैरो को सर के पीछे भूमि पर टिका दे| श्वास की गति सामान्य रहेगी| प्रारंभ में हाथो को सुविधा की द्रष्टि से कमर के पीछे लगा सकते है| पूर्ण स्तिथि में हाथ भूमि पर रखे| इस स्तिथि में 30 सेकण्ड तक रहे|
  • वापस आते समय जिस क्रम से ऊपर आये थे, उसी क्रम से भूमि को हथेलियों से दबाते हुए पैरो को घुटनों से सीधा रखते हुए भूमि पर टिकाये|

लाभ:

  • मेरुदंड को स्वस्थ और लचीला बनाता है|
  • थायरोइड ग्रंथि को चुस्त करके मोटापा, बोनापन और दुर्बलता को दूर करता है|
  • अजीर्ण, गैस, कब्ज, तिल्ली, यकृत-वृधि और हृदयरोग में लाभदायक है|
  • अग्नाशय को सक्रीय कर डायबटीज को दूर करता है|
  • स्त्रीरोगों में भी यह आसन उपयोगी है|

5 कर्ण-पिडासन : Exercise For Fit Health

विधि:

  • हलासन की तरह पैरो को सिर के पीछे टीकाकार दोनों घुटनों को झुकाकर कानो से लगा दे| शेष विधि हलासन के समान ही है|

लाभ:

  • सभी लाभ हलासन के समान ही है|
  • कर्ण रोगों में विशेष लाभकारी है,जिस कारण से इस आसन का नाम कर्ण-पिडासन है|

6 नौकासन : Exercise For Fit Health

विधि:

  • दोनों हाथो को जांघो के ऊपर रखकर सीधा लेटे| अब श्वास को अन्दर लेकर पहले  सिर और कंधो को ऊपर उठाए| हाथ, पैर और सिर सामानांतर नाव की तरह उठे हुए हो|
  • इस स्तिथि में कुछ समय रुककर धीरे-धीरे हाथ पैर और सर को भूमि पर श्वास  बहार निकालते हुए ले आये| इस प्रकार 3 से 6 बार तक यह कर सकते है|

लाभ:

  • इसके भी लाभ उत्तानपादासन के समान ही है|
  • ससे ह्रदय और फेफड़े भी सबल बनते है|
  • आंत, आमाशय, अग्नाशय, और यकृत आदि के लिए लाभदायक है|

7 पवन-मुक्तासन: Exercise For Fit Health

विधि:

  • सीधे लेटकर दाए पैर के घुटने को छाती पर रखे|
  • दोनों हाथो को, अंगुलिया एkandhrasan
  • क-दुसरे में डालते हुए घुटने पर रखे, श्वास बहार निकालते हुए घुटने को दबाकर छाती से लगाये| और सिर को उठाते हुए घुटने से नासिका का स्पर्श करे| कुछ देर करीब 10 से 30 सेकण्ड तक श्वास को बहार रोकते हुए इस स्तिथि में रहकर फिर पैर को सीधा कर दे |

लाभ:

  • यह आसन उदरगत वायु-विकार के लिए बहुत ही अच्छा है|
  • स्त्री रोग, अल्पार्तव,कष्टार्तव, और गर्भाशय सम्बन्धी रोगों के लिए लाभप्रद है|
  • अम्लपित,हृदयरोग, गठिया, और कटिपीड़ा में हितकारी है|
  • यह आसन पेट की बढ़ी हुयी चर्बी को कम करता है|

8 कंधरासन : Exercise For Fit Health

विधि:

  • सीधे लेटकर दोनों घुटनों को मोड़कर पैरो को नितम्ब के समीप रखे|
  • हाथो से पैर की एड़ी के उपरी हिस्से को पकडे|
  • श्वास अन्दर भरकर कमर और नितम्बो को उठाए| कंधे, सिर और एड़िया भूमि पर टिके रहे|
  • वापस आते समय श्वास छोड़ते समय धीरे-धीरे कमर को भूमि पर टिकाये|

लाभ:

  • नाभि को केन्द्रित रखने के लिए यह आसन उत्तम है|
  • पेट दर्द और कमर दर्द में उपयोगी है|
  • गर्भाशय के लिए विशेषकर लाभप्रद है|
  • मासिक विकृति, श्वेत प्रदर, रक्त प्रदर, और पुरुषो के धतुरोगो को दूर करता है|

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