Dussehra 2024 Date: 2024 में कब है दशहरा, जाने सही डेट, रावण दहन मुहूर्त और महत्त्व

Dussehra 2024 Date

Dussehra 2024 Date:

Dussehra 2024 Date: दशहरा जिसे विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में पड़ता है। दशहरा हमें यह सिखाता है कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में सत्य और न्याय की ही जीत होती है। यह त्योहार हमें साहस, धैर्य और नैतिकता के महत्व को भी सिखाता है।

जाने दुर्गा पूजा 2024 की पूरी जानकारी – https://aawazbharatki.com/durga-pooja-2024/

2024 में कब है दशहरा?

Dussehra 2024 Date: दशहरा का त्योहार अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में पड़ता है। इस साल अश्विन महीने के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि का प्रारंभ 12 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 58 मिनट पर होगा और 13 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 08 मिनट पर समाप्त हो जायेगा| Dussehra 2024 Date:

इसलिए इस साल 2024 में उदयातिथि के अनुसार 12 अक्टूबर 2024 को दशहरा का पर्व मनाया जायेगा|

Dussehra 2024 Date:

क्यों होता है रावण दहन?

Dussehra 2024 Date:: रावण दहन दशहरे के त्योहार का एक प्रमुख और प्रतीकात्मक हिस्सा है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाता है। रावण दहन के पीछे मुख्य कारण और महत्व निम्नलिखित हैं:

1. बुराई पर अच्छाई की विजय:

रावण दहन का मुख्य उद्देश्य यह संदेश देना है कि बुराई का अंत निश्चित है। भगवान राम ने रावण का वध करके यह साबित किया कि चाहे बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंत में अच्छाई की ही जीत होती है। रावण, जो कि अधर्म और अहंकार का प्रतीक है, का दहन करके यह संदेश दिया जाता है कि हमें अपने जीवन में बुराई से दूर रहना चाहिए। Dussehra 2024 Date:

2. धर्म और न्याय की विजय:

रामायण के अनुसार, रावण ने भगवान राम की पत्नी सीता का अपहरण किया था, जो कि अधर्म का कार्य था। रावण दहन यह याद दिलाता है कि अधर्म का मार्ग चुनने वालों को अंततः अपने कृत्यों का फल भुगतना पड़ता है और धर्म एवं न्याय की हमेशा विजय होती है। Dussehra 2024 Date:

3. अहंकार और अनीति का विनाश:

रावण का दहन उसके अहंकार और अनीति के विनाश का प्रतीक है। रावण अत्यधिक शक्तिशाली होने के बावजूद अपने अहंकार के कारण विनाश की ओर बढ़ा। रावण दहन से यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने अहंकार पर नियंत्रण रखना चाहिए और अनीति के मार्ग से दूर रहना चाहिए। Dussehra 2024 Date:

4. सामाजिक और सांस्कृतिक प्रतीक:

रावण दहन एक सांस्कृतिक परंपरा भी है जो समाज को एकजुट करती है। यह लोगों के बीच बुराई के खिलाफ लड़ने की भावना और समाज में नैतिकता और सदाचार की स्थापना के महत्व को बल देता है। Dussehra 2024 Date:

5. रावण के दस सिर और उनके प्रतीक:

रावण के दस सिर विभिन्न बुराइयों और मानवीय कमजोरियों का प्रतीक माने जाते हैं, जैसे कि काम, क्रोध, मोह, लोभ, अहंकार, ईर्ष्या, आदि। रावण दहन के द्वारा इन सभी बुराइयों का अंत करने का प्रतीकात्मक संदेश दिया जाता है। Dussehra 2024 Date:

दशहरा का महत्व:

Dussehra 2024 Date:

राम और रावण की कथा: दशहरा मुख्य रूप से भगवान राम द्वारा रावण के वध की याद में मनाया जाता है। रामायण के अनुसार, भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को रावण से मुक्त करने के लिए 10 दिनों तक युद्ध किया और अंत में रावण का वध किया। इसलिए, इस दिन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।

महिषासुर मर्दिनी: कुछ स्थानों पर, इसे देवी दुर्गा के महिषासुर नामक राक्षस पर विजय की याद में भी मनाया जाता है। इसे देवी दुर्गा की शक्ति और साहस के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।

नवरात्रि का समापन: दशहरा, नवरात्रि के नौ दिनों की आराधना और पूजा का समापन है। इस दिन मां दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन भी किया जाता है, जिसमें भक्तगण मां दुर्गा को विदाई देते हैं और अगले साल पुनः उनके आगमन की कामना करते हैं।

रामलीला: दशहरा के समय रामलीला का मंचन भी होता है, जिसमें राम के जीवन की प्रमुख घटनाओं का नाटकीय रूप से चित्रण किया जाता है। यह भारतीय लोककला और संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो लोगों को धर्म, नैतिकता और जीवन के आदर्शों की शिक्षा देता है।

आत्म-विजय: दशहरे का एक और आध्यात्मिक पहलू यह है कि यह हमें अपने भीतर की बुराइयों, जैसे क्रोध, अहंकार, और लोभ, पर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। रावण के रूप में हम अपने भीतर की बुराइयों का प्रतीक देखते हैं, और भगवान राम के आदर्शों के माध्यम से इन्हें जीतने की कोशिश करते हैं।

संकल्प और उत्साह: यह त्योहार हमें जीवन में नए संकल्प लेने और बुराई के खिलाफ लड़ने के लिए उत्साह और प्रेरणा देता है। यह एक नई शुरुआत का प्रतीक है, जहां हम अपने जीवन में सुधार और अच्छाई को जगह देते हैं।

दशहरा का संदेश:

  • सच्चाई और धर्म की रक्षा: दशहरा सिखाता है कि हमें हमेशा सच्चाई, न्याय और धर्म के मार्ग पर चलना चाहिए।
  • धैर्य और दृढ़ता: भगवान राम ने अपने जीवन में धैर्य और दृढ़ता का परिचय दिया। यह त्योहार जीवन की कठिनाइयों में भी धैर्य और निष्ठा से लड़ने का संदेश देता है।
  • अहंकार का त्याग: यह त्योहार हमें अहंकार से दूर रहने और सरलता एवं विनम्रता से जीवन जीने का महत्व सिखाता है।

दशहरा के प्रतीकात्मक अर्थ:

  • बुराई पर अच्छाई की जीत: दशहरा यह दर्शाता है कि कैसे अच्छाई (राम) ने बुराई (रावण) पर विजय प्राप्त की। रावण, जो अधर्म और अहंकार का प्रतीक था, को भगवान राम ने धर्म और सत्य के मार्ग पर चलकर पराजित किया।
  • अन्याय पर न्याय की जीत: यह त्योहार न्याय की महत्ता को भी दर्शाता है। भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को रावण के बंधन से छुड़ाकर एक सच्चे और न्यायप्रिय राजा होने का उदाहरण प्रस्तुत किया।
  • अहंकार का नाश: रावण का अंत अहंकार, अधर्म और अन्याय के पतन का प्रतीक है। यह संदेश देता है कि कोई भी व्यक्ति चाहे कितना ही शक्तिशाली क्यों न हो, अगर वह अहंकारी है, तो उसे अंत में हार का सामना करना ही पड़ता है।
  • शक्ति और साहस का प्रतीक: दशहरा मां दुर्गा की विजय का प्रतीक भी है, जिन्होंने नौ दिनों तक महिषासुर के साथ युद्ध किया और दशमी के दिन उस दानव का वध किया। इसीलिए इस दिन को शक्ति और साहस का प्रतीक भी माना जाता है।

Leave a Comment